भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के बीच प्रतिक्रिया दी है।
आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के बाद उत्पन्न तनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की प्रतिक्रिया आई है। आई लव मुहम्मद’ नारे पर गोंडा में बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि किसी को भी ‘आई लव मुहम्मद’ से कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि हम सनातन धर्म के अनुयायी कृष्ण से भी प्रेम करते हैं और राधा से भी।
उन्होंने कहा कि इसलिए किसी को भी ‘आई लव मुहम्मद’ से कोई दिक्कत नहीं, न ही होनी चाहिए। लेकिन अगर ‘आई लव मुहम्मद’ के बहाने देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और किसी दूसरे समुदाय को नीचा दिखाने की कोशिश की जाए, तो यहीं से दिक्कत शुरू होती है।
बाबा बालकनाथ ने दी प्रतिक्रिया
दूसरी ओर इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक बाबा बालक नाथ ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने इसे विरोधी पार्टियों का षड्यंत्र करार दिया.बाबा बालक नाथ ने कहा कि देश में अच्छा माहौल है। ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद राजनीतिक पार्टियों द्वारा रचा गया षड्यंत्र है। प्रदेश सरकार इस तरह के मामलों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने कहा, विरोधी पार्टियां देश की अखंडता को खंडित कर अराजकता फैलाने का कोशिश कर रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार आपराधिक छवि के लोगों को उनकी ही भाषा में समझाने में सक्षम है। ये लोग देश की प्रगति में बाधक हैं, लेकिन देश आगे बढ़ चुका है। देश की जनता पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ है।
अबू आजमी ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने बरेली विवाद पर कहा कि कानपुर में गलत तरीके से एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद इसके खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि बरेली में अगर कुछ गलत हुआ था तो केस दर्ज होना चाहिए था। पुलिस ने जिस तरह लाठीचार्ज किया, उसकी निंदा होनी चाहिए।उन्होंने बताया कि ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम समुदाय ने ‘आई लव मोहम्मद’ कहकर अपने पैगंबर के प्रति प्रेम व्यक्त किया, लेकिन इस पर एफआईआर दर्ज कर दी गई। आजमी ने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि इससे लोगों में आक्रोश फैला और पूरे देश में प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।
आजमी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस को कहना चाहिए कि कानपुर में जो हुआ, वह गलत था। इस मामले को खत्म करना चाहिए। उन्होंने बरेली में पुलिस के लाठीचार्ज की भी आलोचना की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुलिस को दी गई छूट को वापस लेने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की।