राजनीति

भूमिहार, राजपूत से लेकर ब्राह्मण तक… चिराग पासवान ने जिन 14 चेहरों को दिया टिकट, जानिए क्या है समीकरण?

Chirag Paswan in Bihar Election: पहली सूची में चिराग के करीबी नेता हुलास पांडे और राजू तिवारी को टिकट मिला है। इन दोनों सीटों पर एनडीए के अंदर लंबे समय तक सीट बंटवारे पर खींचतान चली थी।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। बुधवार (15 अक्टूबर,2025) को पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने 29 में से 14 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। इस लिस्ट में पार्टी के कई पुराने और भरोसेमंद चेहरों को दोबारा मौका दिया गया है, साथ ही कुछ नए नामों को भी शामिल किया गया है।

हुलास पांडे और राजू तिवारी को दोबारा मौका

पहली सूची में चिराग के करीबी नेता हुलास पांडे और राजू तिवारी को टिकट मिला है। इन दोनों सीटों पर एनडीए के अंदर लंबे समय तक सीट बंटवारे पर खींचतान चली थी, लेकिन अंत में ये सीटें चिराग के खाते में आईं।

किन सीटों पर किस पार्टी का था कब्जा?

जिन 14 सीटों पर लोजपा (रामविलास) ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें पिछली बार 8 सीटें राजद, 1 सीट जदयू, 1 भाजपा, 3 माले और 1 सीपीआई के पास थीं। पार्टी ने जिन 14 सीटों पर नाम घोषित किए हैं, उनमें से 9 सीटों पर उसने 2020 में चुनाव लड़ा था। 2 पर वह दूसरे स्थान पर और 7 पर तीसरे स्थान पर रही थी।

पुराने चेहरों को दोहराया

पार्टी ने इस बार 9 पुरानी सीटों में से 7 उम्मीदवारों को रिपीट किया है। इनमें गोविंदगंज से राजू तिवारी, ब्रह्मपुर से हुलास पांडे, ओबरा से प्रकाश चंद्र जैसे नाम शामिल हैं. पालीगंज में सुनील कुमार को टिकट मिला है, जो पहले उषा विद्यार्थी के पास थी। वहीं नाथनगर में अमरनाथ प्रसाद की जगह मिथुन कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है। लोजपा (रामविलास) ने इस बार दरौली, गरखा, बखरी, डेहरी और मखदुमपुर जैसी नई सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

जातीय समीकरण पर भी पैनी नजर

पहली सूची में जातीय संतुलन पर खास ध्यान दिया गया है।14 उम्मीदवारों में से 4 अनुसूचित जाति (3 पासवान, 1 पासी), 6 अगड़ी जातियों (3 भूमिहार, 2 राजपूत, 1 ब्राह्मण), 2 यादव और 2 वैश्य समुदाय से हैं।

पिछली बार एक ही सीट मिली थी जीत

2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने अकेले मैदान में उतरकर सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की थी। मटिहानी सीट से राजकुमार सिंह विजयी हुए थे, लेकिन बाद में उन्होंने जदयू का दामन थाम लिया। इस बार चिराग पासवान एनडीए के साथ हैं, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर सफलता हासिल कर पाती है।

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