Mahmood Madani: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने यूपी सरकार से मांग की है कि जनभावनाओं का सम्मान किया जाए और केवल नारों और पोस्टरों के आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर जेल में न डाला जाए।
आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद को लेकर कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं, इसे लेकर पुलिस ने कार्रवाई की है। इस बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने मंगलवार (30 सितंबर, 2025) को ‘आई लव मोहम्मद’ जैसे नारों और पोस्टर्स पर उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से की जाने वाली कार्रवाइयों को घोर अन्याय और चिंताजन बताते हुए इसकी कठोर शब्दों में निंदा की है।
उन्होंने कहा कि पैगंबर की शान और प्रशंसा में नारों और पोस्टरों पर कार्रवाई होने घोर अन्याय है। पैगंबर के व्यक्तित्व की पवित्रता का ध्यान रखते हुए उन्होंने कहा कि इसे किसी प्रतिक्रिया या विरोध का विषय न बनाया जाए।
पोस्टर विवाद पर क्या बोले मौलाना मदनी?
मौलाना मदनी ने कहा, ‘हम मुसलमान, पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से प्रेम, आज्ञा पालन और अनुसरण के परिणामस्वरूप ही अल्लाह की खुशी हासिल करते हैं। अगर अल्लाह की प्रेम-दृष्टि हमें प्राप्त होती है, तो वह केवल पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के माध्यम से ही प्राप्त होती है। पैगंबर के बिना हमारा सब कुछ अधूरा है। इसलिए मुसलमान इस संबंध में किसी तरह के बलिदान देने से पीछे नहीं हटता है।’
हालांकि, मौलाना मदनी ने इस तथ्य की ओर भी ध्यान दिलाया कि इस्लाम के मानने वालों की वास्तविक जिम्मेदारी यह है कि वह पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को अपने जीवन का आदर्श और मार्गदर्शक बनाएं और उनके व्यक्तित्व को किसी भी प्रतिक्रिया या विरोध का विषय न बनाया जाए। उन्होंने कहा, ‘यह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सम्मान और पवित्रता के लिए भी जरूरी है। अल्लाह ने आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को करुणा और प्रेम का स्रोत बनाया है, आपका संदेश सार्वभौमिक है और सबके लिए समान रूप से पवित्र है।’
मौलाना मदनी ने उत्तर प्रदेश सरकार के सामने रखी अपनी मांग
मौलाना महमूद मदनी ने उत्तर प्रदेश सरकार से जोरदार मांग की है कि जनभावनाओं और धार्मिक पेशवाओं का सम्मान किया जाए और केवल नारों और पोस्टरों के आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डालने के अन्यायपूर्ण कृत्य से बचा जाए। इसके साथ ही, मौलाना मदनी ने मुस्लिम युवाओं से कहा कि वे धैर्य, विवेक, कानूनी और लोकतांत्रिक तरीकों के माध्यम से अपना पक्ष रखें और दुश्मनों के षडयंत्रों और चालबाजियों से सतर्क रहें।