दिल्ली ब्लास्ट का षड्यंत्र रचने वाली डॉ. शाहीन को लेकर भदोही सांसद डॉ. विनोद बिंद ने कई खुलासे किए। उन्होंने बताया कि शाहीन कॉलेज के दिनों से काफी शांत रहती थी।
दिल्ली ब्लॉस्ट केस में गिरफ्तार डॉ. शाहीन कॉलेज के दिनों से ही सबसे अलग और काफी शांत रहती थी। शाहीन ने उस दौरान सीपीएमटी की परीक्षा काफी अच्छी रैंक में पास की थी। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज से उसने एमडी फार्माकोलॉजी की थी। यह बातें भदोही सांसद डॉक्टर विनोद ने खास बातचीत के दौरान कही।
डॉ. बिंद से दो साल सीनियर थी शाहीन
डॉ. विनोद बिंद ने बताया कि शाहीन उनकी दो साल सीनियर थी। बताया कि वह वर्ष 1996 बैच की थी, वहीं डॉ. बिंद वर्ष 1998 बैच के थे। एक कॉलेज में होने के कारण उनकी मुलाकात रैगिंग के दौरान हुई थी। भदोही सांसद डॉ. विनोद बिंद ने बताया कि शाहीन को देखकर लगता था कि पढ़ाई के प्रति काफी सीरियस है और एक अच्छी छात्रा भी है। बताया कि 2005 में पास होने के बाद यूपीएससी का एग्जाम दिया। इसके बाद उसका सेलेक्शन एसोसिएट प्रोफेसर जीएसवीएम कॉलेज में हुआ था।
प्रिंसिपल ने दूसरे मेडिकल कॉलेज में कर दिया था ट्रांसफर
डॉ. विनोद बिंद के अनुसार बीच में डॉ. शाहीन सबसे अलग रहना शुरू कर दी थी। उसके इस व्यवहार को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने उसका ट्रांसफर छह माह के लिए दूसरे मेडिकल कॉलेज में कर दिया था। डॉ. बिंद ने बताया कि वहां से आने के बाद वर्ष 2013 में वह अचानक से गायब हो जाती गई। इसके बाद उसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता चला।
सुरक्षा एजेंसियां कर रहीं जांच
उन्होंने बताया कि जब डॉ. शाहीन के पति डॉ. जफर से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि 2015 में तलाक के बाद उन्हें भी नहीं पता था कि डॉ. शााहीन कहां रह रही है। अचानक से गायब हो जाना कई सवाल खड़े करता है। हालांकि देश की कई बड़ी सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।
देश के विरूद्ध साजिश रचने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी
भदोही सांसद डॉ. विनोद बिंद ने कहा कि देश के विरूद्ध साजिश रचने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी। उन्होंने आतंकी हमले में चिकित्सकों का नाम सामने आने पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा यदि पढ़े लिखे लोग अपने रास्ते से भटक जाते हैं तो यह देश और समाज के लिए बढ़ी क्षति होती है।