गाजीपुर के अंधऊ गांव में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बनाई गई एक ऐतिहासिक हवाई पट्टी आज भी मौजूद है. यह ब्रिटिश शासनकाल में रणनीतिक कारणों से बनाई गई थी. आज छोटे विमान और हेलीकॉप्टर यहां उतरते हैं, हालांकि इसका विकास अभी अधूरा है.
युद्ध के समय फाइटर प्लेन और अन्य जहाजों को उतारने के लिए हवाई पट्टी की जरूरत होती है और ऐसी ही जरूरत को समझते हुए ब्रिटिश शासन में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गाजीपुर के अंधऊ गांव में एक हवाई पट्टी का निर्माण कराया था. जो करीब 63 एकड़ में फैली हुई है. हालांकि इस हवाई पट्टी पर अभी तक कोई फाइटर प्लेन की लैंडिंग तो नहीं हुई लेकिन छोटे प्लेन और हेलीकॉप्टर आए दिन इस हेलीपैड पर उतरते हैं. जानकारों की बात माने तो यह हवाई पट्टी तत्कालीन समय में सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई थी.
मौजूदा समय में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ी हुई है और इस जंग में फाइटर प्लेन और विमान की महत्वपूर्ण भूमिका है. यहां तक की भारत ने पाकिस्तान के एयर स्पेस को भी तबाह कर दिया है. बावजूद इसके, इन दिनों लगातार मिसाइल और ड्रोन अटैक के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में अगर हम गाजीपुर की बात करें तो गाजीपुर में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब पूरा विश्व दो खेमों में बटा हुआ था. उस वक्त जापान भारत के कई इलाकों पर हमला कर रहा था. इस वक्त सैनिकों को राशन और अन्य सामग्री पहुंचाने के उद्देश्य से गाजीपुर में दो हवाई पट्टी ब्रिटिश सरकार के द्वारा इमरजेंसी में की गई थी. जिसमें एक गाजीपुर के अंधऊ गांव में स्थित है जबकि दूसरा मोहम्मदाबाद तहसील के गौसपुर गांव में स्थित है.