मोदी सरकार ने किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है. खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है. विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 फसलों के MSP में इजाफा किया गया है, जिसमें नाइजरसीड, रागी, कपास और तिल में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है. इससे किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी. सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना को भी जारी रखने का निर्णय लिया है.
नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में खरीफ फसल की एमएसपी में इजाफे के प्रस्ताव को मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में पांच महत्वपूर्ण फैसले को मंजूरी दी गई. इनमें किसानों को लेकर तीन अहम फैसले लिए गये.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके. पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड (820 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए की गई है, इसके बाद रागी (596 रुपये प्रति क्विंटल), कपास (589 रुपये प्रति क्विंटल) और तिल (579 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए एमएसपी में वृद्धि की गई है.
खरीफ फसल की एमएसपी में इजाफे को मंजूरी
उन्होंने बताया कि विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन बाजरा (63%) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, उसके बाद मक्का (59%), तुअर (59%) और उड़द (53%) का स्थान है। बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50% होने का अनुमान है.