बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी संगठन के कार्यों की समीक्षा करने के बाद कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दिए। पार्टी 9 अक्तूबर को लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन करेगी।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि यूपी सहित दूसरे राज्यों में भी विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों एवं उनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि का निरादर करके सामाजिक, साम्प्रदायिक व राजनीतिक हालात बिगाड़ने की राजनीतिक साजिश हो रही है। इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सभी सरकारों को जातिवादी, सांप्रदायिक व द्वेषपूर्ण राजनीति को त्यागकर ऐसे आपराधिक तत्वों के प्रति कड़ी कानूनी कार्रवाई करके कानून का राज जरूर स्थापित करना चाहिए।
बसपा सुप्रीमो रविवार को पार्टी प्रदेश कार्यालय पर प्रदेश के सभी पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ संगठन के कार्यों की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने संगठन के बताए गए कार्यों का 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने पर संतोष व्यक्त करने के साथ बचे कार्यों के बाबत नए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी राज्यव्यापी कार्यक्रम बसपा संस्थापक कांशीराम के आगामी 9 अक्तूबर को होने वाले परिनिर्वाण दिवस के बाद शुरू करने को कहा। साथ ही, यूपी समेत देश के वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक हालात के बारे में आगाह किया किया। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों द्वारा तमाम हथकंडे अपनाकर बसपा और उसके नेतृत्व को कमजोर करने का षडयंत्र जारी है ताकि दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों से वंचित किया जा सके।