संत प्रेमानंद के दर्शन के लिए निकले तीनों युवा 88 दिन में एटा पहुंच चुके हैं। रोज करीब छह किमी का सफर तय करते हैं। उनका लक्ष्य है कि 120 दिन में वृंदावन पहुंचकर प्रेमानंद महाराज के दर्शन करें।
आस्था और श्रद्धा भाव के कारण लखनऊ के तीन युवा संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए दंडवत यात्रा पर निकले हैं। 17 अगस्त को लखनऊ के बुद्धेश्वर मंदिर से प्रारंभ हुई उनकी यह यात्रा बुधवार को 88वें दिन एटा पहुंची।
दंडवत यात्रा लखनऊ के समर्थ नगर कटौली व रानीपुर काकोरी क्षेत्र के तीन मित्र दीपक, सावन व अरविंद कर रहे हैं। तीनों ने संत प्रेमानंद महाराज के वृंदावन स्थित केली कुंज आश्रम पहुंचकर दर्शन करने का संकल्प लिया है। दीपक ने बताया कि वह प्रतिदिन लगभग छह किलोमीटर की दूरी दंडवत करते हुए तय करते हैं। यात्रा के दौरान दो साथी लगातार दंडवत करते हैं, जबकि तीसरा व्यक्ति बाइक से आवश्यक सामान लेकर साथ चलता है।
बताया कि श्रद्धालु मार्ग में भोजन-पानी की व्यवस्था कर देते हैं अन्यथा वह स्वयं भोजन बनाते हैं। दीपक ने बताया कि 17 अगस्त को यात्रा शुरू की थी और बुधवार को 88वें दिन एटा पहुंचे हैं। लक्ष्य है कि शीघ्र ही वृंदावन पहुंचकर महाराज जी के दर्शन करें। सावन ने बताया कि बुधवार तक उन्हें यात्रा करते हुए 88 दिन हो चुके हैं।
वृंदावन तक की पूरी यात्रा लगभग 120 दिन में पूरी करने का संकल्प लिया है। विश्वास है कि लक्ष्य से पहले ही महाराज के चरणों तक पहुंच जाएंगे। स्थानीय श्रद्धालुओं ने कहा कि इन युवाओं की भक्ति देखकर हर कोई नतमस्तक हो जाता है। दंडवत यात्रा न केवल उनकी आस्था का प्रतीक है बल्कि समाज को भक्ति, त्याग व दृढ़ संकल्प का संदेश भी दे रही है।