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अनंत शस्त्र: दुश्मन के मंसूबे नाकाम करेगा स्वदेशी मिसाइल सिस्टम, सेना ने ₹30000 करोड़ का टेंडर किया जारी

भारतीय सेना ने वायु रक्षा को मजबूती देने और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए 30,000 करोड़ की परियोजना के तहत DRDO द्वारा विकसित स्वदेशी ‘अनंत शस्त्र’ मिसाइल सिस्टम खरीदने का निर्णय लिया है। यह अत्याधुनिक प्रणाली पाक-चीन सीमा पर तैनात होगी और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में दुश्मन ड्रोन को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी।

भारतीय सेना ने वायु क्षमता को और ज्यादा मजबूत करने और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हुए पांच से छह रेजिमेंट के लिए ‘अनंत शस्त्र’ सतह से वायु मिसाइल सिस्टम खरीदने का टेंडर जारी किया है। यह मिसाइल सिस्टम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है और पहले इसे क्विक रिएक्शन सतह से वायु मिसाइल सिस्टम के नाम से जाना जाता था।

इस परियोजना की कुल लागत लगभग 30,000 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस नए सिस्टम से भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमता मजबूत होगी, जिसने मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

बता दें कि भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयां पहले से ही MR-SAM, आकाश और अन्य छोटे एयर डिफेंस सिस्टम चलाती हैं, जो भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर हवाई खतरों से रक्षा करती हैं। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस स्वदेशी सिस्टम को खरीदने की मंजूरी दी थी।

क्या है अनंत शस्त्र मिसाइल सिस्टम?

अनंत शस्त्र मिसाइल सिस्टम अत्यंत मोबाइल है, जो चलते-चलते लक्ष्यों को खोजने और ट्रैक करने में सक्षम है और शॉर्ट स्टॉप पर फायर कर सकता है। इसका रेंज लगभग 30 किलोमीटर है, जो MR-SAM और आकाश जैसे मौजूदा सिस्टम्स के साथ मिलकर काम करेगा।

किसी भी समय किया जा सकता है परीक्षण

यह मिसाइल सिस्टम दिन और रात दोनों परिस्थितियों में परीक्षण किया जा चुका है। पाकिस्तान के साथ चार दिन के संघर्ष के दौरान भारतीय सेना के एयर डिफेंस यूनिट्स ने L-70 और Zu-23 एयर डिफेंस गन से ज्यादातर ड्रोन नष्ट किए थे, जबकि आकाश, MR-SAM और वायु सेना के स्पाइडर व सुदर्शन S-400 सिस्टम ने भी अहम भूमिका निभाई।

भारतीय सेना को मिलेगी बड़ी मदद

गौरतलब है कि इस नए सिस्टम से सेना को नए राडार, शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम, जैमर और लेजर आधारित सिस्टम भी मिलेंगे, जो पाकिस्तानी सेना के तुर्की और चीनी ड्रोन से निपटने में मदद करेंगे। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी स्वदेशीकरण को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं। भविष्य में जोरावर लाइट टैंक और कई अन्य स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम भी सेना में शामिल होने की संभावना है।

 

 

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